[00:00.00] 作词 : Mahendra Dhirajlal Kamdar[00:01.00] 作曲 : AKSHAY VAIRAGI[00:19.46]नींद में सताती हैं, कभी सुब्ह आ जाती हैं,[00:27.42]ज़िंदा होने का एहसास दे जाती हैं यादें,[00:34.90]मायूसी जब जब दिल में छा जाती है,[00:43.90]शबनम सी तब पलकों से गिरती हैं यादें,[00:51.27]अब तो दूर बहुत है, तेरा साया मुझसे, मगर,[01:00.31]तेरे आस पास होने का शुब्हा सी हैं यादें,[01:08.06]तन्हाई में कभी महफ़िल होती हैं यादें,[01:21.09]कभी महफ़िल में तन्हा कर देती हैं यादें,[02:08.59]टूटे सपनो के खंडरों में फिरती हैं यादें,[02:22.56]अक्सर हमें बेवक़्त घेर लेती हैं यादें,[02:36.56]छोड़ कर चले गए लम्हे जो दामन मेरा,[02:45.38]क्यूँ उन लम्हों से लिपटती रहती हैं यादें,[02:53.30]नादाँ हैं जो सोचती हैं रखेगी समेटे वो,[03:02.16]गुज़रे मौसमों को कहाँ ला पाती हैं यादें,[03:09.68]अब तो दूर बहुत है, तेरा साया मुझसे, मगर,[03:18.82]तेरे आस पास होने का शुब्हा सी हैं यादें,[03:26.39]तन्हाई में कभी महफ़िल होती हैं यादें,[03:39.46]कभी महफ़िल में तन्हा कर देती हैं यादें,